राष्ट्रीय ललित कला अकादेमी के क्षेत्रीय केंद्र, लखनऊ और जे कृष्णमूर्ति फाउंडेसन, इंडिया के आमन्त्रण पर पिछले दिनों वाराणसी में "कला, कला आलोचना और बाज़ार" पर व्याखान देने जाना हुआ था। मेरे लिए यह बेहद सुखद अनुभव था, इसलिए की भगवान् शिव के धाम जाने का यह सुअवसर था। काशी विश्वनाथ के दर्शन किये। काशी के घाटों पर सुबह और सांझ विचरा। कहूँ, बनारस
की सुबह देखी, सांझ देखी। अदभूत था देखने का यह अनुभव। फुर्सत में इस सब पर लिखूंगा भी। फिलहाल जमकर जो फोटोग्राफी की, उसी से कुछेक द्रश्यों से काम चलायें...
चेरेवैती...चेरेवैती यानी चलते रहें, चलते रहें. मन को सुकून देती है
यायावरी की यादें ... कैमरे ने जो देखा लिख दिया...स्म्रति के द्र्श्यलेखों को पढ़ें
आप भी..
Photos Copyright : Dr. Rajesh Kumar Vyas
Monday, November 5, 2012
Saturday, September 15, 2012
Sunday, May 27, 2012
पक्षी गाये, फूल मुस्कराए...साथ चली तितली
मित्र शालीन के साथ के साथ रविवार को स्मृति वन जाना हुआ . बेटा निहार, बेटी यशस्वी भी साथ थे. इधर-उधर प्रकृति में विचरते पक्षियों का कलरव सुना, मुयुर को नृत्य करते देखा...पेड़ चढ़ती गिलहरी हमसे बतीयाई , फूल हमारे साथ मुस्कुराए, तितली साथ चली. सच! बड़ा मजा आया. प्रकृति ही है जो यह सब अनुभव इस तरह देती है.
बहरहाल , ...चाहा केमरा भी वह सब देख , फिर से दिखाए. पर भला यह क्या संभव है।..नहीं ना! सो जो केमरे की आँख ने देखा....आपके लिए यहाँ संजो रहा हूँ...
Sunday, May 20, 2012
Thursday, March 15, 2012
छतीशगढ़ के खजुराहो में
पिछले सप्ताह छतीशगढ़ जाना हुआ था. राजनांदगाँव जिले में खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविध्यालय में व्याखान के लिए. ऐसे मोकों की ही तो यायावर मन को तलाश रहती है, सो खैरागढ़ से कोई 80 किलोमीटर दूर छतीशगढ़ के खजुराहो कहे जाने वाले शिवधाम भोरमदेव भी जाना हुआ... कला संकाय के डीन प्रोफेसर और कलाकार महेशचंद्र शर्मा ने खैरागढ़ में अपनी गाडी की चाबी थमा दी. ड्राइव करते ही पहुंचा भोरमदेव. आप भी करें छाया-चित्रों का आस्वाद ..
Tuesday, January 17, 2012
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