चेरेवैती...चेरेवैती यानी चलते रहें, चलते रहें. मन को सुकून देती है

यायावरी की यादें ... कैमरे ने जो देखा लिख दिया...स्म्रति के द्र्श्यलेखों को पढ़ें

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Photos Copyright : Dr. Rajesh Kumar Vyas


Monday, November 5, 2012

काशी के घाटों की सुबह और सांझ

राष्ट्रीय ललित कला अकादेमी के क्षेत्रीय केंद्र, लखनऊ और जे कृष्णमूर्ति फाउंडेसन, इंडिया के आमन्त्रण पर पिछले दिनों वाराणसी में "कला, कला आलोचना और बाज़ार" पर व्याखान देने जाना हुआ था। मेरे लिए यह बेहद सुखद अनुभव था, इसलिए की भगवान् शिव के धाम जाने का यह सुअवसर  था। काशी विश्वनाथ के दर्शन किये। काशी के घाटों पर सुबह और सांझ विचरा। कहूँ, बनारस  की  सुबह देखी, सांझ देखी। अदभूत था देखने का यह अनुभव। फुर्सत में इस सब पर लिखूंगा भी। फिलहाल  जमकर जो  फोटोग्राफी की, उसी से कुछेक द्रश्यों से काम चलायें...