यह जयपुर का जंतर-मंतर है. सवाई जयसिंह ने इस वेधशाला का निर्माण 1734 में जयपुर स्थापना के समय करवाया था. तब सूर्योदय, सूर्यास्त और नक्षत्रों के साथ ही समय के बारे में यहाँ के यंत्रों से ही जानकारी मिला करती थी. जयपुर के बाद उज्जैन, बनारस और मथुरा में भी वैध्शालायें बनवाई गयी.
जयपुर के जन्तर-मंतर में सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित आविषकृत तीन यंत्र सम्राट, जयप्रकाश और रामयंत्र प्रमुख है. आज के इस वैज्ञानिक समय में भी जंतर-मंतर की वैज्ञानिकता समय की गणना के रूप में कम नहीं है. हाल ही जयपुर के इस जंतर-मंतर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शुमार किया है.
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