चेरेवैती...चेरेवैती यानी चलते रहें, चलते रहें. मन को सुकून देती है

यायावरी की यादें ... कैमरे ने जो देखा लिख दिया...स्म्रति के द्र्श्यलेखों को पढ़ें

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Photos Copyright : Dr. Rajesh Kumar Vyas


Saturday, June 11, 2011

उत्कल भूमि के लिंगराज मंदिर में...


उत्कल भूमि में है देश का ख्यात लिंगराज मंदिर. भुवनेश्वर दूसरा काशी कहा जाता है...बाहर से नया अंदर से प्राचीन शहर.  भुवन के इश्वर का वास स्थल. लिंगराज में  शिव और विष्णु एक साथ हैं. विष्णु की शालिग्राम मूर्ति यहाँ है, इसीलिये तुलशी और बील यंहा चढ़ते हैं.  राष्ट्रिय विज्ञानं कांग्रेस के न्यूज़ लैटर के सम्पादन प्रयोजन से कुछ समय पहले भुवनेश्वर जाना हुआ था...तभी लिए थे यह छाया-चित्र. आप भी करें आस्वाद...



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