चेरेवैती...चेरेवैती यानी चलते रहें, चलते रहें. मन को सुकून देती है

यायावरी की यादें ... कैमरे ने जो देखा लिख दिया...स्म्रति के द्र्श्यलेखों को पढ़ें

आप भी..

Photos Copyright : Dr. Rajesh Kumar Vyas


Sunday, February 27, 2011

कहीं नहीं, यहीं..

हमारे आस-पास ही है बहुत कुछ.  मेने देखा घर के लोन में ही खिले थे भान्त-भान्त के फूल, कलियाँ.     ...और वह भी जिसकी होती है हमें चाह.  कहीं नहीं, यहीं..





No comments:

Post a Comment